आज के वक्त बिजली के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है. दुनियाभर में आज अधिकांश काम बिजली के जरिए ही हो रहे हैं. पहले जहां ऊर्जा के लिए कोयले और डीजल का इस्तेमाल किया जाता था, आज उन अधिकांश जगहों पर पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा के जरिए बिजली पहुंचाई जा रही है. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि पवन ऊर्जा के मामले में कौन सा देश टॉप पर है. आज हम आपको उसके बारे में बताएंगे.
पवन ऊर्जा
सबसे पहले ये जानते हैं कि पवन ऊर्जा आखिर क्या है? बता दें कि पवन ऊर्जा हवा की गति से मिलने वाली ऊर्जा है. इसका इस्तेमाल बिजली बनाने के लिए किया जाता है. पवन ऊर्जा एक ऊर्जा का स्रोत है. यह स्वच्छ ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत है और पर्यावरण के लिए फ़ायदेमंद है. भारत में पवन ऊर्जा का विकास 1990 के दशक से शुरू हुआ है. अब आप सोच रहे होंगे कि पवन ऊर्जा काम कैसे करता है. दरअसल हवा की गति से ब्लेड घूमते हैं. ये घूमने वाले ब्लेड की गतिज ऊर्जा यांत्रिक ऊर्जा में बदलती है, फिर यांत्रिक ऊर्जा जनरेटर के रोटर को घुमाती है और जनरेटर रोटर घूमने से बिजली पैदा होती है.
किस देश में सबसे ज्यादा पवन ऊर्जा
भारत समेत अधिकांश देश पवन ऊर्जा से बिजली पैदा कर रहे हैं. लेकिन सवाल ये है कि आखिर इस मामले में टॉप पर कौन सा देश है. बता दें कि पवन ऊर्जा से बिजली पैदा करने के मामले में टॉप पर चीन है. साल 2024 के अंत तक चीन की पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा की संयुक्त उत्पादन क्षमता पहली बार 1.4 अरब किलोवाट से अधिक हो गई है. चीन की संचयी स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता लगभग 3.35 अरब किलोवाट थी, जो साल 2023 की तुलना में 14.6 प्रतिशत अधिक है. इसमें सौर ऊर्जा उत्पादन की स्थापित क्षमता लगभग 89 करोड़ किलोवाट थी. वहीं पवन ऊर्जा की स्थापित क्षमता लगभग 52 करोड़ किलोवाट थी.
भारत में पवन ऊर्जा से कितनी होती है बिजली पैदा?
बता दें कि भारत में पवन ऊर्जा से बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ती जा रही है. जानकारी के मुताबिक 30 सितंबर 2024 तक भारत में पवन ऊर्जा से बिजली उत्पादन क्षमता 47.36 गीगावाट थी. यह दुनिया में चौथी सबसे बड़ी पवन ऊर्जा क्षमता है. भारत में पवन ऊर्जा क्षमता मुख्य रूप से दक्षिणी, पश्चिमी, और उत्तर-पश्चिमी राज्यों में है. वहीं पवन ऊर्जा क्षमता के मामले में गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, और आंध्र प्रदेश प्रमुख राज्य हैं.
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