ISRO NEWS: इंडियन एयर फोर्स ऑफिसर शुभांशु शुक्ला जल्द ही इतिहास रचने वाले हैं. वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में जाने वाले पहले भारतीय बनेंगे. वह एक प्राइवेट मिशन के तहत अंतरिक्ष में जाएंगे. इस साल अप्रैल से जून के बीच उनकी यह यात्रा शुरू होगी जो पूरे 14 दिनों की रहेगी. पिछले साल ही शुभांशु शुक्ला को भारत के महत्वाकांक्षी स्पेस मिशन ‘गगनयान’ के लिए भी चुना गया था. अब भारत के इस मिशन से पहले शुभांशु एक्सिओम मिशन-4 (Ax-4) के लिए चुने गए हैं. नासा ने गुरुवार को उनके नाम का ऐलान किया. इस दौरान नासा की प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मिशन पर जाने वाले चारों अंतरिक्ष यात्री भी बैठे हुए थे.
किन डिग्रियों की पड़ती है जरूरत?
ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए किसी विशेष डिग्री की अनिवार्यता या जरूरत नहीं होती है, लेकिन आमतौर पर वैज्ञानिक, इंजीनियरिंग, या पायलट रहे लोगों को वरीयता दी जाती है. आपको बताते चलें कि अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए आपके पास एयरोस्पेस, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल या फिर इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में कम से कम बैचलर डिग्री होनी चाहिए. इसके अलावा फिजिक्स, गणित या भी एयरो स्पेस से संबंधित विज्ञान में आपको ग्रेजुएट होना जरूरी है. इसके अलावा भारतीय वायुसेना के पायलट को अंतरिक्ष यात्रा के लिए प्राथमिकता दी जाती है.
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कितना चाहिए होता है अनुभव
अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए एजुकेशन क्वालिफिकेशन के साथ साथ आपको अच्छा खासा अनुभव भी होना चाहिए. आपको अगर अंतरिक्ष यात्रा करनी है तो आपके पास 3 से 5 साल का अंतरिक्ष, एविएशन या फिर रिसर्च फील्ड में अनुभव होना बेहद जरूरी है. आपको लिए यह जानना भी जरूरी है कि इस फील्ड में जाने के लिए आपकी मेडिकल फिटनेस कैसी होनी चाहिए. तो आपको बताते चलें कि अंतरिक्ष यात्रा करने के लिए उम्मीदवार की लंबाई लगभग 5 फीट 4 इंच से 6 फीट के बीच होनी चाहिए आंखों की दृष्टि यानी आई विजन बेहतरीन होना चाहिए. इसके अलावा मानसिक और भावनात्मक रूप से स्थिर होना भी आपके लिए बेहद जरूरी है.
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