Donald Trump Oath Ceremony: शपथ लेते ही Panama पर Trump का बड़ा ऐलान, चीन को दिखाई आंख!
डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद अपने बड़े फैसलों से एक बार फिर दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। उनके राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद, पनामा और चीन के प्रति उनके कड़े रुख ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। आइए जानते हैं कि ट्रंप के इस ऐतिहासिक कदम का क्या मतलब है और इसका वैश्विक राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
Trump का Panama पर बड़ा ऐलान
शपथ लेते ही डोनाल्ड ट्रंप ने पनामा को लेकर एक कड़ा संदेश दिया। उन्होंने पनामा के साथ व्यापारिक समझौतों की समीक्षा करने और अमेरिका के हितों को प्राथमिकता देने की घोषणा की। यह कदम उनकी “अमेरिका फर्स्ट” नीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह ऐसे सभी व्यापारिक समझौतों को बदलने के पक्षधर हैं जो अमेरिका के फायदे में नहीं हैं।
पनामा पर इस फैसले का मुख्य उद्देश्य अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करना और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है। ट्रंप के इस फैसले को अमेरिकी अर्थव्यवस्था और श्रमिकों के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
चीन को दिखाई आंख
ट्रंप ने चीन पर भी सख्त रुख अपनाया है। शपथ के बाद उनके बयान ने साफ कर दिया कि वह चीन की आक्रामक नीतियों और वैश्विक प्रभाव को चुनौती देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने चीन पर अनुचित व्यापारिक नीतियों, साइबर सुरक्षा उल्लंघनों, और ताइवान पर आक्रामक रवैये को लेकर तीखा प्रहार किया।
चीन के खिलाफ ट्रंप के इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि वह अपने कार्यकाल में चीन को आर्थिक और रणनीतिक मोर्चों पर घेरने की तैयारी में हैं।
Trump की “अमेरिका फर्स्ट” नीति का प्रभाव
ट्रंप के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद लिए गए इन फैसलों से यह साफ हो गया है कि वह अपने “अमेरिका फर्स्ट” एजेंडे को लेकर बेहद गंभीर हैं। पनामा और चीन के प्रति उनका कड़ा रुख न केवल उनके समर्थकों के लिए बल्कि वैश्विक नेताओं के लिए भी एक मजबूत संदेश है।
डोनाल्ड ट्रंप के इन बड़े फैसलों का असर न केवल अमेरिका की आंतरिक राजनीति पर पड़ेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी इसका व्यापक प्रभाव देखने को मिलेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके फैसलों का आगे क्या परिणाम होता है और वैश्विक राजनीति में क्या बदलाव आते हैं।