PM Modi Kumbh Snan: पीएम मोदी महाकुंभ में हैं. प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है. विश्वभर में इस धार्मिक आयोजन की चर्चा हो रही है. कुंभ मेला सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ कई मायनों में खास है. खगोलीय और पंचांग की गणना की मानें तो इस बार महाकुंभ में 144 साल बाद विशेष संयोग बना है, जो कुंभ स्नान के महत्व को कई गुना बढ़ा देता है.
5 फरवरी 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से खास है. इस दिन को पीएम मोदी ने महाकुंभ में गंगा मैया की पूजा और स्नान के लिए चुना. इस दिन की क्या विशेषता है, पंचांग अनुसार आइए जानते हैं-
भीष्म अष्टमी का पर्व आज
आज बुधवार को भीष्ट अष्टमी (Bhishma Ashtami) का पर्व है, इस दिन व्रत भी रखा जाता है. इसे भीष्म तर्पण दिवस भी कहा जाता है. भीष्म पितामह को गंगा पुत्र माना गया है. ये पर्व भीष्म पितामह को समर्पित है. इस दिन गंगा पूजा और पितरों का तर्पण करने के लिए उत्तम माना गया है. इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है. पीएम मोदी ने इस दिन को गंगा स्नान के लिए चुना जो गंगा स्नान के लिए उत्तम दिन है.
शनि का राशि में मंगल का गोचर
मकर राशि जो कि शनि की राशि है. शनि सभी नवग्रहों में विशेष स्थान रखते हैं. शनि कर्मफलदाता हैं और न्याय के कारक है. यही कारण है कि इन्हें कलियुग का दंडाधिकारी भी कहा जाता है. पंचांग के अनुसार 5 फरवरी 2025 को मकर राशि में मंगल का गोचर हो रहा है. विशेष बात ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न की है. जिसका स्वामी मंगल होता है. पीएम मोदी का जन्म 17 सितंबर का है. अंक ज्योतिष के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी का मूलांक 8 बनता है. इस अंक का स्वामी शनि है. ऐसे में 5 फरवरी का दिन धार्मिक व शुभ कार्यों को करने के लिए सर्वोत्तम फलदायी बनता है.
भरणी नक्षत्र में स्नान
पीएम मोदी ने जिस समय महाकुंभ में पूजा व स्नान किया उस समय भरणी नक्षत्र था.भरणी नक्षत्र मेष राशि के अंतर्गत आता है.नक्षत्र मंडल में इसका स्थान दूसरा है. इस नक्षत्र का संबंध मृत्यु के देवता यम से है. इस नक्षत्र में पूजा करने से मंगल और शुक्र ग्रह की शुभता बढ़ती है. इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र है. जिसका संबंध प्रेम, सौंदर्य और कलात्मकता से है. भरणी नक्षत्र की गिनती एक शक्तिशाली नक्षत्र में की जाती है.
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