Tota Maina Kabra: दुनिया में तमाम ऐसी चीजें हैं, जो कि रहस्य हैं. उनकी अनसुलझी पहेली आज तक कोई सुलझा नहीं पाया है. लोगों ने कई बार ऐसी चीजों का राज जानने की कोशिश की तो की, लेकिन ये संभव न हो सकता और ऐसी कई चीजें अभी भी अबूझ रहस्य हैं. कुछ ऐसी ही है संभल में तोता मैना की कब्र. सुनकर झटका लगा न कि आखिर ये तोता मैना की कब्र क्या है और ये किसने बनवाई और कब बनी. इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही कई सवालों के जवाब देने जा रहे हैं.
कहां है ये कब्र
तोता मैना की ये कब्र और कब्र पर लिखी इमारत सैकड़ों साल के बाद भी आज महज एक पहले ही है. देश-विदेश में तमाम भाषाओं के जानकार आए और कई पुरातत्वविद ने भी तोता मैना की कब्र पर लिखी हुई इबारत को पढ़ने की कोशिश की, लेकिन फेल रहे. उत्तर प्रदेश के संभल में बनी ये कब्र आबादी से लगभग 6000 किलोमीटर दूर जंगल में है. ये 1400 साल से भी पुरानी बताई जाती है. इस कब्र के दोनों तरफ उर्दू, फारसी और अरबी में मिला-जुलाकर कुछ लिखा गया है. ये राज जानने के लिए देश-विदेश के देवनागरी, अरबी, फारसी, उर्दू और भी तमाम भाषाओं के जानकार आए और इसे पढ़ने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली और बैरंग वापस लौटना पड़ा.
कब्र का रहस्य
यहां के लोगों का कहना है कि इस कब्र पर लिखी अरबी-फारसी की आयतों को अगर कोई पढ़ने की शुरुआत करता है तो आगे की आयतें पीछे और पीछे की आयतें आगे हो जाती हैं. आज तक इन आयतों को कोई पढ़ नहीं पाया है. कुछ लोगों का तो ये भी मानना है कि इसमें पुराने समय का खजाना दफ्न है. लोगों का कहना है कि इसमें सुरंग और सीढ़ियां जा रही हैं. वहीं कुछ लोगों ने इसकी खुदाई करने की भी कोशिश की लेकिन सफल नहीं रहे.
पृथ्वीराज चौहान से भी जुड़ी है कहानी
संभल की इस तोता मैना की कब्र की कहानी पृथ्वीराज चौहान से भी जुड़ी हुई है. इतिहासकारों की मानें तो ये जगह राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान की राजधानी थी. उस वक्त पृथ्वीरात चौहान तोता-मैना के एक-दूसरे के प्रति प्यार से बहुत प्रभावित थे. जब दोनों की मौत हो गई तो उनकी याद में ही राजा ने ये कब्र बनवा दी थी. इसके ऊपर तोता मैना के प्यार की कहानी लिखी गई है, लेकिन आज तक इसे पढ़ने में कोई सफल नहीं रहा.